पितृ दोष के निवारण हेतु पूजन की यूँ तो अनेक विधि बताई गई हैं। लेकिन सबसे उत्तम विधि वैदिक मंत्रों द्वारा किया जाने वाला विधान है। पितृ दोष की शांति के लिए, उस दोष से संबंधित ग्रहों को उनके मंत्रों द्वारा शांत किया जाता है।
पितृ दोष से पीड़ित लोग अपने बड़े-बुजुर्गों का अपमान करते हैं और दूसरों की भावनाओं की अवहेलना करने से भी नहीं चूकते। उन्हें आजीवन कई प्रकार की आर्थिक तंगी से दो-चार होना पड़ता है। इस दोष के दुष्प्रभाव से परिवार में लड़ाई-झगड़ा, क्लेश और अशांति का वातावरण रहता है। साथ ही जातक को संतान या स्वयं के विवाह में विलंब, स्वयं या बच्चों के विवाहित जीवन में तलाक या कई विपरीत समस्याएं भी इस दोष के कारण झेलनी पड़ती हैं।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, आमतौर पर 5 पंडितों या पुरोहितों के द्वारा 5 दिनों में पितृ दोष निवारण पूजा संपन्न की जाती है। जिसकी शुरुआत विशेषकर अमावस्या तिथि के दिन से होती है या अमावस्या तिथि के दिन संपन्न की जाती है। इस पूजा में विशेषकर पितृ गायत्री व नारायण बलि की पूजा की जाती है । किसी भी पूजा को करने में सबसे आवश्यक कदम उस पूजा के लिए निर्दिष्ट मंत्र का पाठ करना होता है, और यह जाप अधिकांश-125,000 बार होता है। हालांकि पितृ दोष निवारण पूजा में जाप के अनुसार आदर्श रूप से प कर, 125,000 पितृ गायत्री के मंत्रों का जाप करना चाहिए और बाकी प्रक्रिया या विधि इस मंत्र के साथ ही बनाई जाती है। इस प्रकार, हमारे विशेषज्ञ पंडित जी या पुरोहित जी इस पूजा के आरंभ के दिन, एक विशेष संकल्प लेते हैं। अपने इस संकल्प में प्रमुख पंडित जी भगवान शिव के समक्ष शपथ लेते हैं कि वे और उनके अन्य सहायक पंडित एक निश्चित व्यक्ति के लिए यथा संख्या पितृ गायत्री मंत्र का जाप करने जा रहे हैं, जो जातक है और जिनका नाम, उनके पिता का नाम और उनके परिवार का नाम भी संकल्प में लिया जाता है।
नहीं, इस अनुष्ठान के दौरान आप शारीरिक रूप से अनुपस्थित होते हुए भी, इस पूजा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
पूजा का समय शुभ मुहूर्त देखकर तय किया जाएगा।
ये पूजा आप कर सकते हैं या नहीं? इस सवाल का उत्तर आपको हमारे विद्वान पुरोहित आपसे बात करने के बाद ही बता पाएंगे। हमारे विद्वान ज्योतिषियों से अभी लाइव बात करें।
इस पूजन में श्रीफल, धूप, फूल पान के पत्ते, सुपारी, हवन सामग्री, देसी घी, मिष्ठान, गंगाजल, कलावा, हवन के लिए लकड़ी (आम की लकड़ी), आम के पत्ते, अक्षत, रोली, जनेऊ, कपूर, शहद, चीनी, हल्दी, आदि विशेषरूप से उपयोग किया जाता है।
पूजा सामग्री का पूर्ण जिम्मा एस्ट्रोसेज द्वारा किया जाएगा, जिसमें पंडित जी आवश्यकता के अनुसार पूजा से पूर्व समस्त सामग्री की व्यवस्था स्वयं करते हैं।
इस पूजा को कराने के लिए, पुरोहित जी यजमान से पूजा से पहले से कुछ जानकारी लेते हैं। जो इस प्रकार है:-आपका और आपके परिवार के सदस्यों का पूरा नाम , गोत्र , वर्तमान शहर सहित राज्य, देश, आदि।, पूजा करने का उद्देश्य - आप पूजा क्यों कर रहे हैं?
इच्छानुसार आप पूजा की शुरुआत में ही पंडित जी से पूजन-संबंधित मंत्र ले सकते हैं। जिसके बाद जब पंडित जी पूजा अनुष्ठान कर रहे हो तो, आप अपने समय अनुसार अपने घर में उस मंत्र का निरंतर जाप कर, इस पूजा से उत्तम फल प्राप्त कर सकते हैं।
पूजन-अनुष्ठान को पूरा करना उस पूजा और उसमें शामिल अनुष्ठान पर निर्भर करता है, जिसे हम संपन्न कर रहे हैं। आमतौर पर शुभ दिन व मुहूर्त की उपलब्धता के आधार पर, पूजा करने में लगभग 5 से 10 दिन का समय लगता है। हालांकि जैसे ही आप अपनी आवश्यकता अनुसार कोई ऑनलाइन पूजा बुक करते हैं तो, हमारे द्वारा आपसे संपर्क किया जाता है, जिसमें हमारे विशेषज्ञ आपको पूजा का सम्पूर्ण विवरण देते हुए, आपके द्वारा पूजा समायोजित करने का प्रयास करते हैं।
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